Saturday, May 23, 2015

मंजिल बदले।या बदले वक्त। हम तो हमारा मुकाम जरूर पायेंगे। जो समजते है खुद को बादशाह उसे एक दिन हमारे दरबार में जरुर नचाऐगे.........

मंजिल बदले।या बदले वक्त। हम तो हमारा मुकाम जरूर पायेंगे। जो समजते है खुद को बादशाह उसे एक दिन हमारे दरबार में जरुर नचाऐगे.........

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